देख् हो बबुआ सन ... हम आ गईल बाटे तोहरा सब के विदेश क स्टोरी सुनावे खातिर ...
बात कुछ इई भइल की काम धाम कुच्छो खाश न बाटे अउर इ अनिमे के चक्कर मैं रात भर के
जागरण हो जाता । ता हम सोचलीं की आज रात दिन न सोयीं की हमरो दिनचर्या आदमी जैसन हो जाए ।
ता ना सोये क खातिर कोनो काम तो चाही करे के ।आहिलागी सोचली की जब परीया एत्तेक काण्ड कर दीया है तब हम्मे ऊ सबके सुनाये दे.........
अभी तक मार्केट मैं publish करे लायक तीन घटना बा....आगे याद आए तब बताइन.....
पहिलका घटना परीया क विदेश मैं छोर देई से की की "side इफेक्ट" होए एकरा बारे मां हमरा सब क आम जानकारी/ सिक्षा देई ता ..............
तब काण्ड कुछ अइसन होलाई की परीया क लाग गयेल सन्दाश आ परीया रहल ऑफिस मां । chhaunra अब तक गार पोछे क आदत ना डाले रहल ह । बात गेल फंस की ऑफिस में जत्ते सन्दाश रहल ह सब क बगल में टिसू paper रहल । अब छौंरा करे त की करे । इ लगेलक अपन बिहारी बुद्धि आ घुस गेलक अपंग सब क सन्दाश में की नीचे से जब फुह्हरा मारत क लौंडा के धुआ जाई । अब परीया बैठ्लक त शान्त त eइ सन्दाश में भी ना रह सकलक ह । इधर उधर छु छा सुर्रू कर देलक ।
अब उ रहे त विकलांग क खातिर सन्दाश क जो अपन धोये से लाचार होयाख तार ख़ुद बा ख़ुद धोया जाए ।
पर इन्हआ क कौन समझाए महाराज कौनो बटन दबा देलन । अब पूरा सन्दाश करे लागल आवाज जैसे क कहीं आग लग गईल हो । उ बटन रहे उ गरिभहाँ क खातिर जेकरा से ख़ुद उठा भी न जाईल त कोई उठऐ में मदद कर दी । अब परीया गईल घबरा की साला अब का होई । मजा क बात इ बा की कोई आ जाए तो बोले त की बोले ।
महाराज रहलन हा अपंग क खातिर जो सन्दाश ह उकरा अन्दर । घबरा क इधर उधर जेत्ता बटन मिलल सब दबा देलकैन । १ मिनट बाद आवाज बंद होल्कई त महाराज चुप चाप निकलन की कोई देख न ले ।
किस्मत क धनि हतं जे कौनो न पहुन्च्लक न त ...............इ भाइल पहला घटना.....
कांड नम्बर २ आ ३ एक्के साथ बा ..... आ एई घटना से कहीं ज्यादा रोमांचक आ मजेदार बा ।
लेकिन हमरा प्रोफ क मेल आ गईल बा त हम चलियेई काम कारे आज दिन में भेंट करे क बा प्रोफ से..........
आगे क खिसा बाद में कभी ...
राम राम ....
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